खंडवा। लोग आजकल भगवान के रास प्रसंग का गलत अर्थ लगाते हैं, जबकि जीव और ब्रह्म का मिलन ही रास है। परमात्मा रस स्वरूप है रसो वै सः गोपियों की तरह जीव जब अपना सर्वस्व परमात्मा को मान लेता है तो भगवान को प्राप्त कर लेता है। गोपियां जो त्रेतायुग में, ऋषि मुनि भगवान राम के स्वरूप पर मोहित हुये। वहीं द्वापर में गोपी गोपी हुये है। संस्कारों की रक्षा के लिये मनुष्यों को रोटी, चोटी, बेटी का व्यवहार सूझबूझ से करने की आवष्यकता है।
यह विचार श्री खाटू श्याम मंदिर परिसर रामनगर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिवस वृंदावन से पधारे कथा व्यास पंडित बनवारी भाई उपमन्युजी महाराज ने रास पंचध्यायी की कथा सुनाते हुए कही। उन्होंने कंस वध और श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह की मधुर कथा भी सुनाई। भगवान श्रीकृष्ण की विषाल बारात निकाली गई। कथा के मुख्य यजमान दिलीप पाटील व श्रीमती मेघा पाटील ने बताया आज कथा का समय दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक रहेगा। श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता का प्रसंग व षुकदेवजी की विदाई हवन पूर्णाहुति का आयोजन होगा।
भगवान पर अटूट विश्वास होना चाहिए…
श्रीमद्भागवत कथा में उपमन्यूजी महाराज ने श्रीकृष्ण-रुक्मिणी के विवाह की कथा का वर्णन किया। कथा सुनकर पंडाल में मौजूद श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कलाकारों ने कृष्ण-रुक्मिणी विवाह से जुड़ी मनोहारी झांकी प्रस्तुत की, जिसे देख पूरा पंडाल श्रीकृष्ण के जयकारों से गूंज उठा भजन गीतों पर श्रोता झूमने लगे। कथा व्यास ने कहा कि भगवान पर अटूट विश्वास होना चाहिए, यदि अटूट विश्वास है तो भगवान हर स्थिति में अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
साक्षात लक्ष्मी माता हैं रुक्मिणी…..
महाराजजी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मिणी के साथ संपन्न हुआ। रुक्मणी को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। रुक्मिणी स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर रह ही नहीं रह सकती। रुक्मणी ने जब देवर्षि नारद के मुख से श्रीकृष्ण के रूप, सौंदर्य एवं गुणों की प्रशंसा सुनी तो बहुत प्रभावित हुईं और मन ही मन श्रीकृष्ण से विवाह करने का निश्चय किया। रुक्मणी के बड़े भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता थे, इसलिए रुक्मिणी का विवाह राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहते थे। इसीलिए श्रीकृष्ण ने हरण कर रुक्मिणी से विवाह किया। श्रीकृष्ण विवाह का विस्तार वर्णन सुनकर श्रद्धालु गदगद हो उठे।