मध्य प्रदेश में सड़क की गुणवत्ता को बेहतर
बनाने के लिए और लोगों को विशेष यातायात की सुविधा देने के लिए लोक निर्माण विभाग के द्वारा लगातार प्रयत्न किया जा रहा है। राज्य के सड़कों को बेहतरीन तरीके से बनाया जा रहा है वहीं टूटी फूटी सड़कों को भी मरम्मत किया जा रहा है ताकि सफर में किसी भी तरह की परेशानी ना आएं।
अब राज्य में सड़क निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग के द्वारा आधुनिक व्हाइट टॉपिंग तकनीक को अपनाने की बात कही गई है। इस दिशा में पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत एक किस जिलों में चयनित 41 मार्गो पर व्हाइट टॉपिंग तकनीक की मदद ली जाएगी और इससे सभी सड़कों की मरम्मत की जाएगी।
आपको बता दे इस सड़कों की कुल लंबाई 109.31 किलोमीटर है। नवंबर के अंत से इस योजना के अंतर्गत कार्य शुरू हो जाएगा और अगले 4 महीने में इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य लोक निर्माण विभाग के द्वारा रखा गया है।
इस तकनीक की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें टीका ओपन होता है और व्हाइट टॉपिंग की मदद से सड़क बनेगा तो सड़क लंबे समय तक गड्ढा मुक्त रहेगा। इसे यातायात की व्यवस्था अच्छी होगी और साथ ही साथ यह पर्यावरण के अनुकूल होता है क्योंकि कंक्रीट की सतह डामर की तुलना में अधिक ठंडी होती है। इसके रखरखाव की कीमत भी काफी कम होती है।
इस परियोजना के तहत सबसे अधिक 14 मार्गों पर कार्य भोपाल में किया जाएगा। अन्य जिलों में इंदौर में 3 मार्ग, ग्वालियर में 3 मार्ग, बुरहानपुर में 2 मार्ग, मंदसौर में 2 मार्ग, सागर में 2 मार्ग, आगर मालवा, उमरिया, खंडवा, गुना, छतरपुर, देवास, नर्मदापुरम, नीमच, बैतूल, मुरैना, रतलाम, रायसेन, रीवा, सतना और हरदा में 1-1 मार्ग पर वाइट टॉपिंग तकनीक लागू की जाएगी।