एमपी/खंडवा – खंडवा जिले में नर्मदा लाइन बार-बार फूटने से खंडवा शहर वासी पिछले कई वर्षों से परेशान रहे हैं, पानी का संकट शहर में गर्मी में खासकर बना रहता है.खंडवा की तरह अन्य जिलों में भी इसी तरह की शिकायतें हैं कि लोग जानबूझकर पानी की पाइपलाइन को तोड़ देते हैं और उस जल संकट उत्पन्न हो जाता है.इसका रास्ता मध्यप्रदेश सरकार ने मध्यप्रदेश जल अधिनियम ने नया ड्राफ्ट करके निकालने का प्रयास किया है जिसमें पानी की पाइपलाइन तोड़ने वाले को 2 साल की सजा तक का प्रावधान रखा गया है.प्रदेश में पानी सप्लाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मप्र पेयजल अधिनियम-2024 का ड्राफ्ट तैयार किया गया है। पीएचई विभाग के तहत जल जीवन मिशन द्वारा तैयार इस ड्राफ्ट में प्रावधान किया गया है कि यदि किसी ने पानी की पाइप लाइन तोड़ी या उसे नुकसान पहुंचाया तो उसे दो साल की जेल हो सकती है। पानी के मीटर और अन्य उपकरण चोरी करने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है। ड्राफ्ट में यह भी है कि पानी की लाइन से संबंधित काम केवल लाइसेंसी प्लंबर से ही कराना अनिवार्य होगा। पानी सप्लाई की योजना बनाने से लेकर पानी सप्लाई करने, नेटवर्क का मेंटेनेंस करने से लेकर बिल की वसूली तक के लिए राज्य सरकार, स्थानीय निकाय और आम उपभोक्ता सबकी जिम्मेदारी तय होगी।
पानी का बिल भी बिजली के बिल की तरह होगा। यानी उपभोक्ता को पता चलेगा कि इसमें मीटर किराया, फिक्स थान चार्ज और उपयोग में पानी की मात्रा का शुल्क कितना है।न्यूनतम शुल्क तय करेगी राज्य सरकार,राज्य सरकार पानी सप्लाई का न्यूनतम शुल्क तय करेगी। ग्राम पंचायतों से लेकर निगमों तक के लिए यह जरूरी होगा। पानी का टैरिफ राज्य सरकार व निकाय मिलकर तय कर सकेंगे।
लीकेज सुधरवाने की जिम्मेदारी उपभोक्ता पर…
उपभोक्ता के परिसर में पानी की लाइन खराब है और पानी बेकार बह रहा है तो उसे सुधरवाने की जिम्मेदारी भी उसकी होगी। अन्यथा राज्य सरकार और निकाय इस बेकार बहने वाले पानी की कीमत और सुधरवाने के खर्चे की वसूली कर सकती है।